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जावेद अली द्वारा गाया गया फिल्म ‘कुशी’ का गीत ‘तू मेरी रोजा’ हिंदी में। इस गाने के बोल रकीब आलम ने लिखे हैं और हेशम अब्दुल वहाब ने संगीत दिया है। इसमें विजय देवरकोंडा और समंथा रूथ प्रभु हैं।
तना नाना नाना
आरा पे हारा
दिल का शिकारा
पल में सितारा
पल में गुलरेज़ा
आरा पे हारा
दिल का शिकारा
चाहत में यारा
हो गया रंगरेज़ा
तू मेरी रोजा
दिल से फ़िरोज़ा
जबसे मिली है
मौजा ही मौजा
तू मेरी रोजा
दिल से फ़िरोज़ा
जबसे मिली है
मौजा ही मौजा
सागर की लहरों में
प्यार का जो नग़मा वो तू है
ख़्वाबों के शहरों में
दूर दूर तेरा जादू है
मेरे दिल की तू मलिका
बादशाह मैं तेरे दिल का
तू सफ़र है चाहत का
रास्ता मैं मंज़िल का
तू जो हाँ कह दे
हाँ कह दूं
ना कह दे ना कह दूं
ओके ओ जानम
तू मेरी रोजा
दिल से फ़िरोज़ा
जबसे मिली है
मौजा ही मौजा
तू मेरी रोजा
दिल से फ़िरोज़ा
जबसे मिली है
मौजा ही मौजा
हो मैं ग़ज़ल के शेरों में
पहला शेर और तू है अख़िर
क्या मैं तेरी धड़कन में
बन के ताल हो जाऊं शामिल
तुझसे आंख मिलते ही
ख़्वाबों में वो रंग भर जाते हैं
हम कदम जो बन जाएँ
हमसफ़र भी वो बन जाते हैं
हाँ कह दे, हाँ कह दूं
जब तक ही जान कह दूं
ओके ओ सनम
आरा पे हारा
दिल का शिकारा
पल में सितारा
पल में गुलरेज़ा
तू मेरी रोजा
दिल से फ़िरोज़ा
जबसे मिली है
मौजा ही मौजा
तू मेरी रोजा
दिल से फ़िरोज़ा
जबसे मिली है
मौजा ही मौजा